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1 हे इस्राएल, तू देश देश के लोगों की नाईं आनन्द में मगन मत हो! क्योंकि तू अपने परमेश्वर को छोड़कर वेश्या बनी। तू ने अन्न के हर एक खलिहान पर छिनाले की कमाई आनन्द से ली है।
2 वे न तो खलिहान के अन्न से तृप्त होंगे, और न कुण्ड के दाखमधु से; और न नये दाखमधु के धटने से वे धोखा खाएंगे।
3 वे यहोवा के देश में रहने न पाएंगे; परन्तु एप्रैम मि में लौट जाएगा, और वे अश्शूर में अशुद्ध वस्तुएं खाएंगे।।
4 वे यहोवा के लिये दाखमधु का अर्ध न देंगे, और न उनके बलिदान उसको भाएंगे। उनकी रोटी शोक करनेवालों का सा भोजन ठहरेगी; जितने उसे खाएंगे सब अशुद्ध हो जाएंगे; क्योंकि उनकी भोजनवसतु उनकी भूख बुझाने ही के लिये होगी; वह यहोवा के भवन में न आ सकेगी।।
5 नियत समय के पर्व और यहोवा के उत्सव के दिन तुम क्या करोगे?
6 देखो, वे सत्यानाश होने के डर के मारे चले गए; परन्तु वहां मर जाएंगे और मिद्दी उनकी लोथें इकट्ठी करेंगे; और मोप के निवासी उनको मिट्टी देंगे। उनकी मनभावनी चान्दी की वस्तुएं बिच्छु पेड़ों के बीच में पड़ेंगी, और उनके तम्बुओं में झड़बेरी उगेगी।
7 दण्ड के दिन आए हैं; बदला लेने के दिन आए हैं; और इस्राएल यह जान लेगा। उनके बहुत से अधर्म और बड़े द्वेष के कारण भविष्यद्वक्ता तो मूर्ख, और जिस पुरूष पर आत्मा उतरता है, वह बावला ठहरेगा।।
8 एप्रैम मेरे परमेश्वर की ओर से पहरूआ है; भविष्यद्वक्ता सब मार्गों में बहेलिये का फन्दा है, और वह अपने परमेश्वर के घर में बैरी हुआ है।
9 वे गिबा के दिनों की भांति अत्यन्त बिगड़े हैं; सो वह उनके अधर्म की सुधि लेकर उनके पाप का दण्ड देगा।।
10 मैं ने इस्राएल को ऐसा पाया जैसे कोई जंगल में दाख पाए; और तुमहारे पुरखाओं पर ऐसे दृष्टि की जैसे अंजीर के पहिले फलों पर दृष्टि की जाती है। परन्तु उन्हों ने पोर के बाल के पास जाकर अपने तई लज्जा का कारण होने के लिये अर्पण कर दिया, और जिस पर मोहित हो गए थे, वे उसी के समान घिनौने हो गए।
11 एप्रैम का विभव पक्षी की नाईं उड़ जाएगा; न तो किसी का जन्म होगा, न किसी को गर्भ रहेगा, और न कोई स्त्री गर्भवती होगी!
12 चाहे वे अपने लड़केबालों का पालनपोषण कर बड़े भी करें, तौभी मैं उन्हें यहां तक निर्वंश करूंगा कि कोई भी न बचेगा। जब मैं उन से दूर हो जाऊंगा, तब उन पर हाय!
13 जैसा मैं ने सोर को देखा, वैसा एप्रैम को भी मनभाऊ स्थान में बसा हुआ देखा; तौभी उसे अपने लड़केबालों को घातक के साम्हने ले जाना पड़ेगा।
14 हे यहोवा, उनको दण्ड दे! तू क्या देगा? यह, कि उनकी स्त्रियों के गर्भ गिर जाएं, और स्थान सूखे रहें।।
15 उनकी सारी बुराई गिल्गाल में है; वहीं मैं ने उन से घृणा की। उनके बुरे कामों के कारण मैं उनको अपने घर से निकाल दूंगा। और उन से फिर प्रीति न रखूंगा, क्योंकि उनके सब हाकिम बलवा करनेवाले हैं।
16 एप्रैम मारा हुआ है, उनकी जड़ सूख गई, उन में फल न लगेगा। और चाहे उनकी स्त्रियां बच्चे भी न जनें तौभी मैं उनके जन्मे हुए दुलारों को मार डालूंगा।।
17 मेरा परमेश्वर उनको निकम्मा ठहराएगा, क्योंकि उन्हों ने उसकी नहीं सुनी। वे अन्यजातियों के बीच मारे मारे फिरेंगे।।
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