होम हमसे संपर्क करें
हिन्दी
  • KJV
  • தமிழ்
  • తెలుగు
  • ಕನ್ನಡ
2 कुरिन्थियों
  • उत्पत्ति
  • निर्गमन
  • लैव्यव्यवस्था
  • गिनती
  • व्यवस्थाविवरण
  • यहोशू
  • न्यायियों
  • रूत
  • 1 शमूएल
  • 2 शमूएल
  • 1 राजा
  • 2 राजा
  • 1 इतिहास
  • 2 इतिहास
  • एज्रा
  • नहेमायाह
  • एस्तेर
  • अय्यूब
  • भजन संहिता
  • नीति वचन
  • सभोपदेशक
  • श्रेष्‍ठगीत
  • यशायाह
  • यिर्मयाह
  • विलापगीत
  • यहेजकेल
  • दानिय्येल
  • होशे
  • योएल
  • आमोस
  • ओबद्दाह
  • योना
  • मीका
  • नहूम
  • हबक्कूक
  • सपन्याह
  • हाग्गै
  • जकर्याह
  • मलाकी
  • मत्ती
  • मरकुस
  • लूका
  • यूहन्ना
  • प्रेरितों के काम
  • रोमियो
  • 1 कुरिन्थियों
  • 2 कुरिन्थियों
  • गलातियों
  • इफिसियों
  • फिलिप्पियों
  • कुलुस्सियों
  • 1 थिस्सलुनीकियों
  • 2 थिस्सलुनीकियों
  • 1 तीमुथियुस
  • 2 तीमुथियुस
  • तीतुस
  • फिलेमोन
  • इब्रानियों
  • याकूब
  • 1 पतरस
  • 2 पतरस
  • 1 यूहन्ना
  • 2 यूहन्ना
  • 3 यूहन्ना
  • यहूदा
  • प्रकाशित वाक्य
6
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
1 और हम जो उसके सहकर्मी हैं यह भी समझाते हैं, कि परमेश्वर का अनुगंह जो तुम पर हुआ, व्यर्थ न रहने दो।
2 क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी उद्धार का दिन है।
3 हम किसी बात में ठोकर खाने का कोई भी अवसर नहीं देते, कि हमारी सेवा पर कोई दोष न आए।
4 परन्तु हर बात में परमेश्वर के सेवकों की नाई अपने सद्गुणों को प्रगट करते हैं, बड़े धैर्य से, क्लेशों से, दरिद्रता से, संकटो से।
5 कोड़े खाने से, कैद होने से, हुल्लड़ों से, परिश्रम से, जागते रहने से, उपवास करने से।
6 पवित्राता से, ज्ञान से, धीरज से, कृपालुता से, पवित्रा आत्मा से।
7 सच्चे प्रेम से, सत्य के वचन से, परमेश्वर की सामर्थ से; धार्मिकता के हथियारों से जो दहिने, बाएं हैं।
8 आदर और निरादर से, दुरनाम और सुनाम से, यद्यपि भरमानेवालों के ऐसे मालूम होते हैं तौभी सच्चे हैं।
9 अनजानों के सदृश्य हैं; तौभी प्रसिद्ध हैं; मरते हुओं के ऐसे हैं और देखों जीवित हैं; मारखानेवालों के सदृश हैं परन्तु प्राण से मारे नहीं जाते।
10 शोक करनेवाले के समान हैं, परन्तु सर्वदा आनन्द करते हैं, कंगालों के ऐसे हैं, परन्तु बहुतों को धनवान बना देते हैं; ऐसे हैं जैसे हमारे पास कुछ नहीं तौभी सब कुछ रखते हैं।
11 हे कुरिन्थियों, हम ने खुलकर तुम से बातें की हैं, हमारा हृदय तुम्हारी ओर खुला हुआ है।
12 तुम्हारे लिये हमारे मन में कुछ सकेती नहीं, पर तुम्हारे ही मनों में सकेती है।
13 पर अपने लड़के- बाले जानकर तुम से कहता हूं, कि तुम भी उसके बदले में अपना हृदय खोल दो।।
14 अविश्वासियों के साथ असमान जूए में न जुतो, क्योंकि धार्मिकता और अधर्म का क्या मेल जोल? या ज्योति और अन्धकार की क्या संगति?
15 और मसीह का बलियाल के साथ क्या लगाव? या विश्वासी के साथ अविश्वासी का क्या नाता?
16 और मूरतों के साथ परमेश्वर के मन्दिर का क्या सम्बन्ध? क्योंकि हम तो जीवते परमेश्वर का मन्दिर हैं; जैसा परमेश्वर ने कहा है कि मैं उन में बसूंगा और उन में चला फिरा करूंगा; और मैं उन का परमेश्वर हूंगा, और वे मेरे लोग होंगे।
17 इसलिये प्रभु कहता है, कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो; और अशुद्ध वस्तु को मत छूओ, तो मैं तुम्हें ग्रहण करूंगा।
18 और तुम्हारा पिता हूंगा, और तुम मेरे बेटे और बेटियां होगे: यह सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर का वचन है।।
‹ ›
© 2025 DailyManna.co.in. All rights reserved.