होम हमसे संपर्क करें
हिन्दी
  • KJV
  • தமிழ்
  • తెలుగు
  • ಕನ್ನಡ
1 शमूएल
  • उत्पत्ति
  • निर्गमन
  • लैव्यव्यवस्था
  • गिनती
  • व्यवस्थाविवरण
  • यहोशू
  • न्यायियों
  • रूत
  • 1 शमूएल
  • 2 शमूएल
  • 1 राजा
  • 2 राजा
  • 1 इतिहास
  • 2 इतिहास
  • एज्रा
  • नहेमायाह
  • एस्तेर
  • अय्यूब
  • भजन संहिता
  • नीति वचन
  • सभोपदेशक
  • श्रेष्‍ठगीत
  • यशायाह
  • यिर्मयाह
  • विलापगीत
  • यहेजकेल
  • दानिय्येल
  • होशे
  • योएल
  • आमोस
  • ओबद्दाह
  • योना
  • मीका
  • नहूम
  • हबक्कूक
  • सपन्याह
  • हाग्गै
  • जकर्याह
  • मलाकी
  • मत्ती
  • मरकुस
  • लूका
  • यूहन्ना
  • प्रेरितों के काम
  • रोमियो
  • 1 कुरिन्थियों
  • 2 कुरिन्थियों
  • गलातियों
  • इफिसियों
  • फिलिप्पियों
  • कुलुस्सियों
  • 1 थिस्सलुनीकियों
  • 2 थिस्सलुनीकियों
  • 1 तीमुथियुस
  • 2 तीमुथियुस
  • तीतुस
  • फिलेमोन
  • इब्रानियों
  • याकूब
  • 1 पतरस
  • 2 पतरस
  • 1 यूहन्ना
  • 2 यूहन्ना
  • 3 यूहन्ना
  • यहूदा
  • प्रकाशित वाक्य
8
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
  • 27
  • 28
  • 29
  • 30
  • 31
1 जब शमूएल बूढ़ा हुआ, तब उस ने अपने पुत्रों को इस्राएलियों पर न्यायी ठहराया।
2 उसके जेठे पुत्रा का नाम योएल, और दूसरे का नाम अबिरयाह था; ये बेर्शेबा में न्याय करते थे।
3 परन्तु उसके पुत्रा उसकी राह पर न चले, अर्थात् लालच में आकर घूस लेते और न्याय बिगाड़ते थे।।
4 तब सब इस्राएली वृद्ध लोग इकट्ठे होकर रामा में शमूएल के पास जाकर
5 उस से कहने लगे, सुन, तू तो अब बूढ़ा हो गया, और तेरे पुत्रा तेरी राह पर नहीं चलते; अब हम पर न्याय करने के लिये सब जातियों की रीति के अनुसार हमारे लिये एक राजा नियुक्त कर दे।
6 परन्तु जो बात उन्हों ने कही, कि हम पर न्याय करने के लिये हमारे ऊपर राजा नियुक्त कर दे, यह बात शमूएल को बुरी लगी। और शमूएल ने यहोवा से प्रार्थना की।
7 और यहोवा ने शमूएल से कहा, वे लोग जो कुछ तुझ से कहें उसे मान ले; क्योंकि उन्हों ने तुझ को नहीं परन्तु मुझी को निकम्मा जाना है, कि मैं उनका राजा न रहूं।
8 जैसे जैसे काम वे उस दिन से, जब से मैं उन्हें मि से निकाल लाया, आज के दिन तक करते आए हैं, कि मुझ को त्यागकर पराए, देवताओं की उपासना करते आए हैं, वैसे ही वे तुझ से भी करते हैं।
9 इसलिये अब तू उनकी बात मान; तौभी तू गम्भीरता से उनको भली भांति समझा दे, और उनको बतला भी दे कि जो राजा उन पर राज्य करेगा उसका व्यवहार किस प्रकार होगा।।
10 और शमूएल ने उन लोगों को जो उस से राजा चाहते थे यहोवा की सब बातें कह सुनाईं।
11 और उस ने कहा जो राजा तुम पर राज्य करेगा उसकी यह चाल होगी, अर्थात् वह तुम्हारे पुत्रों को लेकर अपने रथों और घोड़ों के काम पर नौकर रखेगा, और वे उसके रथों के आगे आगे दौड़ा करेंगे;
12 फिर वह उनको हजार हजार और पचास पचास के ऊपर प्रधान बनाएगा, और कितनों से वह अपने हल जुतवाएगा, और अपने खेत कटवाएगा, और अपने लिये युद्ध के हथियार और रथों के साज बनवाएगा।
13 फिर वह तुम्हारी बेटियों को लेकर उन से सुगन्धद्रव्य और रसोई और रोटियां बनवाएगा।
14 फिर वह तुम्हारे खेतों और दाख और जलपाई की बारियों में से जो अच्छी से अच्छी होंगे उन्हें ले लेकर अपने कर्मचारियों को देगा।
15 फिर वह तुम्हारे बीच और दाख की बारियों को दसवां अंश ले लेकर अपने हाकिमों और कर्मचारियों को देगा।
16 फिर वह तुम्हारे दास- दासियों को, और तुम्हारे अच्छे से अच्छे जवानों को, और तुम्हारे गदहों को भी लेकर अपने काम में लगाएगा।
17 वह तुम्हारी भेड़- बकरियों का भी दसवां अंश लेगा; निदान तुम लोग उस के दास बन जाओगे।
18 और उस दिन तुम अपने उस चुने हुए राजा के कारण दोहाई दोगे, परन्तु यहोवा उस समय तुम्हारी न सुनेगा।
19 तौभी उन लोगों ने शमूएल की बात न सुनी; और कहने लगे, नहीं! हम निश्चय अपने लिये राजा चाहते हैं,
20 जिस से हम भी और सब जातियों के समान हो जाएं, और हमारा राजा हमारा न्याय करे, और हमारे आगे आगे चलकर हमारी ओर से युद्ध किया करे।
21 लोगों की ये सब बातें सुनकर शमूएल ने यहोवा के कानों तक पहुंचाया।
22 यहोवा ने शमूएल से कहा, उनकी बात मानकर उनके लिये राजा ठहरा दे। तब शमूएल ने इस्राएली मनुष्यों से कहा, तुम अब अपने अपने नगर को चले जाओ।।
‹ ›
© 2025 DailyManna.co.in. All rights reserved.